कमसिन होती है ये जुबा
हर जुबा पर आएगी उर्दू
जरुरी नही की सीखी जाए ये जुबा
इश्क किसी से कीजिए
हर शब्द मै जलख जाएगी उर्दू ।
हर गुनाह मै भी करता हु उसकी इबादत
की जहन्नुम से भी निकलते है खुदा बाले
गैर नहीं अपने आजमाए है हमने
गुलास्ता फूलो का चुभन काटो की है जिसमे
हम उम्र है तेरा काधा मेरे काधे सा
जलते हैं हम वतन भी मेरी चाहत से
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