Monday, April 13, 2020

आंखों को नींद ना आए, बेचेन हो जाए


आंखों को नींद ना आए, बेचेन हो जाए
ख्याल मिलने का भी दिल से ना जाए

गुजरगई वो बातें, वो बीते दिन की यादें
वफा से निभाई तूने बेवफाई की यादें

वो कौन वक्त था जो हमें मिला गया
उस मौड़ से गुजरा वो वक्त रूला गया 

तेरी बात, उदास रात की दास्तान सुनाएगी
ऐसे छोड़कर जाने वाले तेरी बहुत याद आएगी

जहां से आया था वो लौट रहा है वापस 
'मुस्तकीम' इस मोड़ पर ना आएगा वापस 

इश्क किया चीज़ है ख़बर न थी हमको

इश्क किया चीज़ है ख़बर न थी हमको अब ग़ालिब तेरे शहर ने जीना सिख़ा दिया