मेरी हर गजल दिवानी तेरी
तुझसे शुरु. तुझपे खत्म कहानी मेरी
तेरी इबादत से ...... जिंदगानी मेरी
करु क्या अब में.. किस्सा तेरा बयां
मेरे लबों पर है.... सिर्फ कहानी तेरी
मेरे दिल में जिक्र हेमशा तेरा
मेरी तो बस .....मेरी कहानी मेरी
दरों शहर तेरा.....अजनबी में
तेरे दर पर खत्म कहानी मेरी
तलब क्या करु तुझसे ......
मेरी हर गजल दिवानी तेरी
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