Wednesday, April 11, 2012

मेरे दुश्मनों से मेरी दोस्ती हो गई


मेरे दुश्मनों से मेरी दोस्ती हो गई
उम्र छोटी थी मेरी बड़ी हो गई
वक्त बदलने लगा मेरा भी
सफर में अकेला था किसी से दोस्ती हो गई
चाहत जागी दिल में उनसे मिलने की
देखा उनकी रुखसती हो गई
बेघर ,परवाना मुसाफिर बन गया मुस्तकीम
अब तो जीवन में दोस्तों की भी कमी हो गई

Monday, April 9, 2012

मेरा शहर,मेरा गीत, तेरे ही शान से मेरा है नाम


तुझको सलाम ..मेरा है काम
तेरे ही शान से मेरा है नाम
तू आगरा की शान है
हमारी पहचान है
मैं ख्याल हुं किसी का
मैं सवाल हुं उसी का
मुझे आरजू है इसकी
मुझे जुस्तजू है जिसकी
मेरा शहर का हाल है ये
शाहजहां का कमाल है ये
जब खयाले दिल दौड़ता है
हर गली मोहल्ले को पीछे छोड़ता है
तुझको सलाम ..मेरा है काम
तेरे ही शान से मेरा है नाम
तू आगरा की शान है
हमारी पहचान है
तुझको सलाम ..मेरा है काम
तेरे ही शान से मेरा है नाम
तू आगरा की शान है
हमारी पहचान है
देख लो मुझको जी भर के
पल की कोई ख़बर नहीं..
मेरी जान मेरा मान...
मेरा ताज मेरी पहचान
तुझको सलाम ..मेरा है काम
तेरे ही शान से मेरा है नाम
तू आगरा की शान है
हमारी पहचान है
मन ये मेरा कहना लगा है
गहरा ये वादा मेंने किया है
रातों की हलचल ......
अब बढ़ने लगी है
मेरी ज़िन्दगी जलने लगी है
धूल जिंदगी पर जमने लगी है
शबनम की बूंदे उड़ने लगी है....
तेरा ये दामन छूट रहा है
खुद ख़ुदा भी रुठ गया है
तेरा ये दामन छूट रहा है
तुझको सलाम ..मेरा है काम
तेरे ही शान से मेरा है नाम
तू आगरा की शान है
हमारी पहचान है
तुझको सलाम ..मेरा ये है काम
तेरे ही शान से मेरा है नाम
तू आगरा की शान है
हमारी पहचान है
हमारी पहचान है
हमारी पहचान है

इश्क किया चीज़ है ख़बर न थी हमको

इश्क किया चीज़ है ख़बर न थी हमको अब ग़ालिब तेरे शहर ने जीना सिख़ा दिया